कोरोना का प्रभाव: ‘जो भारत ने किया कोई देश नहीं कर पाया..’, सुप्रीम कोर्ट ने की मोदी सरकार की तारीफ

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के परिजन को अनुग्रह राशि देने के केंद्र के कदम की सराहना करते हुए कहा कि इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान लेना होगा कि भारत ने जो किया है, वह कोई दूसरा देश नहीं कर पाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ‘हम खुश हैं कि कई परिवारों के आंसू पोंछने के लिए कुछ किया गया है।

केंद्र सरकार की तरफ से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि, ‘हम जीवन को पहुंची क्षति की भरपाई नहीं कर सकते, किन्तु पीड़ित परिवारों के लिए देश जो कुछ कर सकता है, वो किया जा रहा है।’ जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने केंद्र द्वारा दाखिल दो हलफनामों पर गौर करते हुए कहा कि वह कुछ निर्देशों के साथ चार अक्टूबर को आदेश जारी करेगी। पीठ ने संकेत दिया कि इसमे डेथ सर्टिफिकेट जारी करने में किसी किस्म का विवाद होने पर जिला स्तर पर शिकायत निवारण समितियों को मृतक का अस्पताल का रिकार्ड मंगाने के लिए अधिकृत किया जा सकता है।

अदालत ने कहा कि, ‘हम खुश हैं कि पीड़ितों को कुछ सांत्वना अवश्य मिलेगी। यह कई परिवारों के आंसू पोंछेगा। हमें इस तथ्य का अवश्य ही न्यायिक संज्ञान लेना चाहिए कि लोगों की कई सारी परेशानियों के बाद भी कुछ किया जा रहा है। भारत ने जो किया है, कोई अन्य देश नहीं कर सका है।’ सुप्रीम कोर्ट ने ये बातें उस समय कही, जब वह वकील गौरव कुमार बंसल और कोरोना वायरस के चलते अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले कुछ लोगों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था

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